July 20, 2021

अलग अलग!

कविता : 20-07-2021

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राहें जुदा जुदा थीं,

मंजिलें अलग अलग,

करते रहे बातें मगर,

मतलब अलग अलग,

जब चल चुके थे राह,

तो, पहुँचे मुक़ाम पर,

पहले भी थे अजनबी,

अब भी अलग अलग!

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