December 12, 2012

।। लक्ष्यते शिव-दर्शनं ।। (स्वरचित )

।।लक्ष्यते  शिव-दर्शनं ।। (स्वरचित )

।।लक्ष्यते  शिव-दर्शनं ।। (स्वरचित )

August 08, 2012

पञ्चाननो

पञ्चाननो गजमुखो
पञ्चाननो गौरीपतिः ।
पञ्चाननो रामभक्तो
हनुमदञ्जनीपुत्रो ॥
वेदमाता च गायत्री
पञ्चानना तथा स्मृता ।
पञ्चैते स्युः सर्वेभ्यो
सर्वदा शुभमङ्गलाः ॥
--
उज्जैन. 05.08.2012.

July 23, 2012

बहाने

बहाने

जब उनसे कहा गया
कि सिर्फ बैठे रहने
और आँसू बहाते रहने से,
कुछ नहीँ होगा ।
जिँदगी को बेहतर बनाने के लिए 

पसीना बहाना होता है, 
तो उन्होँने खून की इतनी नदियाँ बहानी चाहीँ
कि कोई
आँसू या पसीना बहानेवाला
बाकी ही न रहे !



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March 31, 2012

'उस' की कविता 30-03-2012./

'उस' की कविता
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यह कुछ नया है !! ब्लॉगर के नए फॉर्मेट में ट्राय कर रहा हूँ !!!!!!!!
ऊपर प्रस्तुत कविता  के साथ दिया स्केच मेरा किया है . बुद्धि की भाषा
में कला की व्याख्या करें तो एक पक्षी व्योम में घूम रहा है शायद मैं !!
एक खिड़की जो खुली है या बंद यहाँ इस  पर निर्भर करता है कि आप
उसे दीवार में देखते हैं, या किसी चौकोर बीम के एक समतल सिरे के
रूप में देखते हैं ! पक्षी खिड़की से बाहर  है, या कहीं और,..    

March 16, 2012

~~~ सार्थ 'कैवल्य-सन्धानं' ~~~

~~~ सार्थ 'कैवल्य-सन्धानं' ~~~ 
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(स्वरचित संस्कृत रचना, हिंदी अनुवाद सहित )


© विनय वैद्य,
16-03-2012.   
©Vinay Vaidya, 
L/161, Mahashaktinagar,
Ujjain, (M.P.) 
India.
456010


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