वराह-अवतार
पता नहीं यह प्रतीकात्मक है या सांकेतिक,
किन्तु पौराणिक मान्यता के अनुसार, अलग अलग दृष्टि से, यह कहा जाता है कि भगवान् विष्णु के दशावतार (दस), और चतुर्विंशावतार (चौबीस) होते हैं और उन चौबीस अवतारों में से एक वराह भी है।
यह अनुमान हो सकता है कि अंग्रेजी भाषा का
BOAR,
शब्द संभवतः संस्कृत भाषा के वराह का अपभ्रंश हो।
और यह भी सत्य है कि आजकल यू के (U. K.) में अवैध आव्रजनों (Illegal Migrants) के डर से लोगों ने अपनी रक्षा के लिए डॉग्स पालना छोड़कर सूअर / शूकर पालना शुरू कर दिया है।
मैं नहीं जानता किन्तु जैसा कि पुराण (वराहपुराण) नाम से लगता है, जीव-विज्ञान की दृष्टि से, वराह और शूकर दोनों ही प्रजातियाँ एक ही प्रकार के जीव हैं।
वराहपुराण के अनुसार पृथ्वी महाजलप्रलय के समय जब पाताल में डूब रही थी तब भगवान महाविष्णु ने वराह रूप में अवतरित होकर पृथ्वी को अपने शृङ्गदन्तों के द्वारा ऊपर उठा लिया था और उसे महाजलप्रलय / महाजलप्लावन से बचा लिया था।
क्या यह केवल संयोग है कि यह पौराणिक मान्यता / (Mythology) एक व्यावहारिक सत्य की तरह आज प्रयुक्त हो रही है?
🐗
***