छाया-पुरुष की अभिलाषा
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इतना तो करना स्वामी,
जब प्राण तन से निकलें!
देह-मिट्टी मिट्टी से मिले, नीर से नीर मिले,
अगन से अगन मिले, पवन से समीर मिले,
महाप्राण में प्राण मिलें, चित्त चेतना से मिले,
जीव मिले शिव से, शक्ति, शिवा से मिले,
माया मायापति से, पुरुषोत्तम से पुरुष मिले,
मृत्यु मिले अमृत में, आत्मा, परमात्मा से मिले!
इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकलें!!
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