भाषा-विज्ञान
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संस्कृत धातु 'डुपचष्' का व्यावहारिक रूप है 'पच्' जिसका अर्थ है -पकना, पकाना, पाक, पाचन,
अंग्रेजी में इसके अपभ्रंश हैं :
Bake, cook,
दूसरा शब्द है : 'पिष्' जिसका व्यावहारिक प्रयोग 'पीसने' के अर्थ में किया जाता है। अंग्रेजी का 'piece' इसी का अपभ्रंश है।
इसी प्रकार 'पिष्' से बना 'पिष्ट' अर्थात् 'पिसा हुआ' ।
'पिष्टपेषणम्' का प्रयोग मुहावरे की तरह होता है :
पिसे हुए को पीसना।
जैसे, जब कहा जाता है,
आटा पिसाना है, तो तात्पर्य होता है कि गेहूँ पिसाना है।
गेहूँ को पीसने पर ही आटा प्राप्त होता है। आटे को पीसना तो बेमतलब ही है!
इसी 'पिष्ट' से बनता है : paste, pasta, pizza.
'पच्' से होता है bake, bakery,
संस्कृत में रसोइये के लिए शब्द है, 'पाकुक' जो पाक-कर्म करता है। अंग्रेजी का 'कुक' इसी 'पाकुक' का सजात / सज्ञात / cognate है।
इसी 'कुक' से बना है कोपर / खप्पर / खर्पर / कोको और कोकोनट अर्थात् नारियल।
और इसी 'कुक' से बना है 'कुकी' जिसका बहुवचन हो गया 'कुकीज़'!
'पच्', 'पिष्ट' और 'कुक' से मिलकर बना 'बिस्कुट' !
डिस्क्लैमर : Disclaimer
(ऐसा मुझे लगता है! इसकी सत्यता पाठक स्वयं ही तय करें!)
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