July 20, 2021

एजेंडे

कविता : 20-07-2021

---------------©---------------

निरर्थक-व्यर्थ !

--

उसकी अपनी ही अहं-ता है, 

मेरी भी अपनी ही अहं-ता है, 

उसकी अपनी ही अजं -ता है, 

मेरी अपनी ही अजं-ता है, 

अपना-अपना कोई ऐजेंडा है, 

अपना-अपना ही कोई झंडा है, 

बहस करने का नहीं है मतलब, 

नतीजा सिफ़र, सिर्फ़ अंडा है!

***

No comments:

Post a Comment