कविता 10-05-2021
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हम तुम्हें भूल जाएँगे, किसी दिन,
ये न हमने सोचा था, किसी दिन!
आज तुमने याद जो, हमको दिलाया,
हाँ हमें यूँ याद आया था, किसी दिन!
याद क्या है, क्या नहीं, क्यूँ याद करना,
वक्त को क्यूँ इस तरह बरबाद करना,
क्यूँ भला करते रहें हम ज़िन्दगी भर,
क्यूँ परेशां ही रहें हम ज़िन्दगी भर,
यादें जब सारी हम अपनी भूल जाएँगे,
चैन तब पाएँगे शायद, हम किसी दिन!
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