कविता / 17-05-2022
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इतना सन्नाटा क्यों है?
मौन गाता क्यों है?
शब्द नीरव हैं क्यों?
स्वर सजाता क्यों है?
कभी उदासी, कभी खुशी,
कभी रोना, कभी हँसी,
कभी उल्लास या आक्रोश,
भाव ऐसे, जगाता क्यों है?
कभी हँसता, या कचोटता,
कभी चुभता, या सहलाता,
कभी बहकाता, भरमाता,
उभरकर, खो जाता क्यों है?
मौन खिलखिलाता क्यों है?
इतना सन्नाटा क्यों है?
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