August 11, 2021

वक्त का पहिया!

कविता : 11-08-2021

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घूमता ही रहता है वक्त का पहिया,

कभी तो धीरे धीरे, कभी तेज तेज, 

जिन्दगी होती है फूलों की, या फिर,

कभी कभी होती है काँटों की भी सेज!

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