August 01, 2021

तिलिस्म

कविता 01-08-2021

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अचरज / कौतूहल 

जिस्म में है दर्द लेकिन, वो जिस्म को होता नहीं, 

जिसको होता है वो लेकिन, -दर्द नहीं, जिस्म नहीं!

है ये आखिर एक यह, सवाल क्या, कितना अबूझ,

ये भी क्या तिलिस्म है, ऐसी तो कोई किस्म नहीं!

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