अजीब! Awkward!
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कुछ दिनों / महीनों / वर्ष भर पहले एक सज्जन से मुलाकात हुई। अभी तक प्रायः यही होता रहा कि मैं उन्हें समझने की ही कोशिश करता रहा। वे भी मुझसे मिलने सिर्फ एक बार आए थे। किन्तु फ़ोन पर एक-दो महीनों में एक-दो बार बात हो जाती है।
वे बहुत हद तक विस्तारपूर्वक कुछ कहते हैं। अब मुझे स्पष्ट हुआ कि वे मुझसे बातें तभी करते हैं जब उनके पास कोई विषय या कोई छोटी मोटी समस्या होती है। मैं उन्हें बस शान्तिपूर्वक सुनता हूँ । उस विषय या समस्या के बारे में कभी कभी अपनी समझ के अनुसार कोई सुझाव भी दे देता हूँ।
वे अभी भी प्रतीक्षारत हैं कि हमारे बीच की परस्पर अपरिचय की दीवार कब ढहे, और मैं यह समझने की कोशिश कर रहा हूँ कि सचमुच क्या कभी किसी से किसी का परिचय होता भी है? क्या ऐसा होना संभव है भी!
फिर यह भी सच है कि जीवन में असंख्य लोग आते जाते रहते हैं, और सबकी कोई साधारण या विशेष भूमिका हर किसी के जीवन में होती भी है। क्या इससे यह तय करना ठीक होगा कि किसी का किसी से कोई परिचय या संबंध होता है?
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