कविता : 12-08-2021
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संसार / दुनिया
यहाँ अव्यवस्था क्यों है, अराजकता, कलह, क्यों है,
क्यों है संघर्ष-युद्ध, अशान्ति, वैमनस्य यहाँ क्यों है?
तुम मुझे बच्चा समझोगे अगर, तो भी कोई बात नहीं,
तुम मुझे बेवकूफ़ समझोगे अगर, तो झगड़ा होगा!
तुम मुझे बेवकूफ़ समझोगे अगर, तो कोई बात नहीं,
तुम मुझे बेवकूफ़ बनाओगे अगर, तो झगड़ा होगा!
और अगर यह भी न समझोगे कि झगड़े क्यों होते हैं,
तो यह भी समझ लेना, बेवकूफ़ हो दरअसल तुम्हीं!
बस यही तो तरीका है दुनिया को बचाने के लिए,
ये बेवकूफ़ी ही तो है, जो है तबाही, दुनिया के लिए!!
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