कविता 28-04-2022
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अविभूति
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जब मेरे पास,
करने के लिए,
कुछ नहीं होता,
तब होने के लिए,
कुछ नहीं करता।
कुछ न करना,
कुछ न होना,
न महसूस होना,
न महसूस करना,
न अहसास होना,
न अहसास करना,
जब नहीं होता,
तब मैं भी,
कहाँ होता हूँ!
तब मैं भी,
क्या होता हूँ!
क्या नहीं होता?
तब मैं भी,
होता हूँ क्या?
इस करने-होने,
इस पाने-मिलने,
इच्छा-अनिच्छा में,
आशा-निराशा में,
प्रयास-सायास में,
क्या अनायास ही,
विलीन नहीं होता!
इस अहसास में,
होता हूँ क्या?
इस अहसास में,
होता है क्या?
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