April 23, 2022

चौथी लहर!

अपुनरावर्तनीय समय

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पञ्चाङ्ग फिर देखा। अनुमान है कि जागतिक कालसर्प योग अभी चार पाँच दिनों तक रहेगा। बहुत सी अनपेक्षित घटनाएं घटेंगी।

भारत में सरकार आपात्काल (emergency) लगा सकती है। घोषित या अघोषित रूप से ही, सोशल नेटवर्किंग मीडिया को सेन्सर के दायरे में लाया जा सकता है, क्योंकि वह अपरिहार्य और एहतियातन जरूरी हो सकता है।

कोरोना की लहर से सब कुछ पुनः अस्त-व्यस्त हो सकता है, किन्तु केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के ही इससे प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। फिर भी दिनांक 25 अप्रैल 2022 से स्थिति में सुधार होने की आशा है।

उपरोक्त को लिखा तो आज 19-04-2022 के दिन था, किन्तु इसे 25-04-2022 के बाद ही प्रकाशित करने के बारे में सोच रहा था!

अपुनरावर्तनीय समय क्या होता है? 

जो समय लौटता है, उसे पुनरावर्तनीय कहा जा सकता है, और यद्यपि ऐसा कोई समय वस्तुतः न तो है, न हो सकता है, किन्तु कालगणना के भौतिक आकलन और अनुमान से किसी घटना के पुनः होने को परिभाषित करते हुए उस आधार पर वैज्ञानिक और व्यावहारिक उपयोग को सत्य मानकर उस दृष्टि से समय का मूल्यांकन यदि किया जा सकता है, तो ऐसी दो या अधिक घटनाओं के होने के अन्तराल (interval) और उनके बीच जो समय व्यतीत होता है, उस अन्तर के आधार पर ऐसे समय को स्वीकार किया जाता है। किन्तु उसकी सत्यता या असत्यता तो फिर भी संदिग्ध ही है।

पञ्चाङ्ग के आधार पर समय के अपुनरावर्तनीय / पुनरावर्तनीय स्वरूप को अपनी अपनी बुद्धि, विश्वास और निष्ठा आदि से तय किया जा सकता है। 

आज शनिवार 23 अप्रैल 2022 है। अभी सुबह के 5:13 बजे हैं। इस 'अभी', 'सुबह' और 5:13 बजे के समय को यदि एक अर्थ में पुनरावर्तनीय, तो दूसरे अर्थ में अपुनरावर्तनीय भी कह सकते हैं।

इस प्रकार समय का एक प्रकार 'लहर' भी होता है।

चौथी लहर से समय का, या समय से चौथी लहर का अनुमान करना कुछ ऐसा ही कठिन कार्य है।

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