June 30, 2021

व्याकुल प्रीत!

कविता : 30-06-2021

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पग-पग कंटक हैं बिछे,

डग-डग आहत पाँव, 

दृग-दृग आँसू बह रहे, 

मग-मग ऐसा ठाँव! 

रग-रग पीडा़ हो रही, 

जग-मग जलते दीप, 

खग-खग लौटें नीड़ को, 

युग-युग व्याकुल प्रीत! 

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