April 20, 2021

समय / समर,

कविता / 20/04/2021

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रुका हुआ है समय कहीं,

बह रहा है समय कहीं, 

रुका हुआ है समर कहीं, 

चल रहा है समर कहीं,

इस समय में मैं कभी,

इस पक्ष में उस पक्ष में, 

कभी अपने ही विरुद्ध, 

कभी अपने ही पक्ष में, 

बहता समय के साथ भी,

रुकता समय के साथ भी,

चलता समर के साथ भी, 

रुकता समर के साथ भी,

केन्द्र पर है स्थिर समय, 

केन्द्र पर है स्थिर समर, 

परिधि पर चलता समय, 

परिधि पर चलता समर, 

क्षितिज तक जाते हुए,

अपरिभाषित समय समर...,

समय से यह समय का,

समर से यह समर का,

युद्ध सतत अनवरत,

मैं कहाँ इस युद्ध में,

नहीं हुआ तय अब तक!

***


 

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