February 10, 2023

फ़ोर्ड का कार-नामा!

जस्ट / फॉर फ़न! Just for Jest!

-------------------©-----------------

जब उस कार-निर्माता ने पहली बार कार का निर्माण किया तो उसे इस स्थिति की कल्पना नहीं थी कि कुछ सड़कें कभी कभी ऐसे किसी मुक़ाम पर पहुँच जाती हैं जहाँ कोई मोड़ नहीं होता। और फिर उसे खयाल आया कि कार में एक रिवर्स-गीयर हो तो कार पीछे की दिशा में भी चल सकती है। फिर तब से कारों में रिवर्स गीयर की व्यवस्था की जाने लगी। टू-व्हीलर्स में तो शायद अभी भी ऐसी व्यवस्था नहीं होती, क्योंकि इसकी जरूरत ही नहीं है, और अगर कर भी दी जाए तो उससे टू व्हीलर को उसे ड्राइव करना मुश्किल ही हो जाएगा।

क्या फ़ोर्ड को इस हिसाब से शायद ईश्वर से अधिक बुद्धिमान कहा जा सकता है, क्योंकि ईश्वर ने जब (!) समय की सृष्टि की होगी, तब उसने यह कल्पना नहीं की होगी, कि समय के पीछे लौटाने के लिए भी कोई इंतजाम करना चाहिए! तब से समय बेहिसाब बेधड़क आगे ही आगे जा रहा है! अरे कोई तो रोको, कोई तो ऐसे किसी रिवर्स गीयर की खोज करो!

एक सवाल यह भी तो है कि क्या ईश्वर के द्वारा समय की सृष्टि किए जाने से पहले समय नहीं था! तब शायद नहीं था, क्योंकि 'पहले' शब्द का प्रयोग भी समय के अस्तित्व में आने के बाद ही और समय के ही सन्दर्भ में ही किया जाना संभव है!

***

No comments:

Post a Comment