September 24, 2021

मन ही मन में

कविता 24-09-2021

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किससे बातें करते हो, 

तुम मन ही मन में!

कौन किया करता है,

तुमसे, मन ही मन में?

बाँट लिया करते हो,

खुद को, मन ही मन में,

बँट जाया करते हो,

खुद ही, मन ही मन में!

तुम मन हो, या मन के,

देखो तुम, मन ही मन में,

एक हो तुम या दो हो, 

देखो खुद, मन ही मन में! 

क्या मन कहता-सुनता है,

खुद, खुद से, मन ही मन में!

या तुम ही कहते-सुनते हो,

खुद ही खुद से, मन ही मन में!

तुम दुनिया हो, या फिर क्या हो,

तुम, दुनिया से दूसरे कोई,

दुनिया तुम हो, या फिर है,

तुमसे अलग, दूसरी कोई! 

तुम, दुनिया, हैं एक या दो,

या हैं तीन, परस्पर कोई!

मन, दुनिया भी, एक या दो हैं, 

या हैं तीन, परस्पर कोई! 

मन दुनिया है, या दुनिया मन!

तुम मन हो, या मन है तुम!

इस सवाल को पहले समझो,

तुम पहले तो मन ही मन में, 

जानो, खुद को, दुनिया को,

समझो बूझो, मन ही मन में!

अपने को जानो-पहचानो, 

अपने दिल में, मन ही मन में! 

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