March 22, 2022

किसके पास!

कविता / 22-03-2022

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मुझे यही तो भय है,

किसके पास समय है!

कुछ आँखों में सपने हैं,

कुछ आँखों में संशय है!

इनके होठों पर मुस्कान,

लगती मुझको अभिनय है!

अँधेरा बाहर-भीतर है,

हर आशंकित हृदय है!

जीवन में हाँ, है रोमांच,

चलो कुछ तो विस्मय है!

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