कविता / 11-03-2022
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किसी भी बारे में न सोचना,
किसी के भी बारे में न सोचना,
कितना मुश्किल लगता है!
फिर भी, जब सुबह-सुबह,
आप इस निर्जन वन में,
इस सर्पिल स्वच्छ सड़क पर,
भ्रमण के लिए निकलते हैं,
और वृक्षों-लताओं की गंध,
आपका पीछा करने लगती है,
तो मुश्किल नहीं रह जाता,
बहुत ही आसान होता है,
किसी भी बारे में न सोचना,
किसी के भी बारे में न सोचना!
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