March 08, 2022

जीवन का यह दृष्टिकोण !

कविता / जीवन-दर्शन

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न आलस्य है, और न उत्साह है, 

ये जो जीवन है, कर्म-प्रवाह है!

जीते जाना है, जब तक है जीवन, 

है करते रहना, कर्म-निर्वाह है!

किसी का किसी से संबंध नहीं,

हरेक की भूमिका, या कोई चाह है!

इसे भाग्य, कर्तव्य, या संघर्ष कहें,

हँसी, सुख की, या कि दुःख की आह है!

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