आशावादी, निराशावादी और संघर्षवादी
(Optimist, Pessimist and the Warrior)
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वैसे तो किसी भी मनुष्य के स्वभाव में ये तीनों प्रवृत्तियाँ भिन्न भिन्न अनुपात में कम या अधिक होती हैं, किन्तु परिस्थितियों, संस्कारों आदि के कारण वह समय समय पर कभी आशावादी, कभी निराशावादी और कभी संघर्षवादी हो जाता है।
यह दुर्भाग्य ही है कि इस कारण, बुद्धिमान, प्रतिभाशाली और सफल व्यक्ति भी अंततः संसार / जीवन से पराजित हो जाता है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में पूरी सफलता कैसे मिल सकती है?
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