March 29, 2022

वाद और वादे!

नेता और बुद्धिजीवी

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वाद वाद का भेद है,

वाद वाद  का फेर,

वाद-विवाद में पास है,

वाद-विवाद में फेल!

वाद, मगर हो कोई भी,

साहित्य का या नीति का,

कभी सफल, तो कभी विफल,

संसार में रणनीति का!

बुद्धिजीवी उलझ जाता,

फँस जाया करता है,

नेता वादे करता है,

फिर, भूल जाया करता है!

जनता धोखा खाती है,

नेता धोखा देता है,

नुकसान किसी का होता है,

लाभ किसी को होता है!

वादों की भूलभुलैया में,

विद्वान भटक जाते हैं,

चतुर राजनेता इसमें भी,

राह अपनी खोज लेते हैं!

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