कविता / 07-02-2022
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बात करने के लिए, कुछ भी न हो अगर,
तो भी शुरू करने से बात शुरू होती है!
मिलने की कोई वजह न भी हो अगर,
तो भी मिलने से, मुलाका़त नई होती है!
हाँ अगर अजनबी लग रहा हो हर कोई,
और अगर दिल में नहीं हो जज्बा कोई,
तो किसी बात का मतलब ही क्या है,
तो बात करने का मक़सद ही क्या है!
तो बात करने की ज़रूरत ही क्या है!
मुलाकात करने की ज़रूरत ही क्या है?
दोस्ती-दुश्मनी की कोई वजह क्या है!
ज़िन्दगी की फ़ितरत-ओ-सूरत क्या है!!
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सन्दर्भ : Russia Ukraine conflict.
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