February 19, 2022

संकल्प, निश्चय, और द्वंद्व

अनिश्चय और अन्तर्द्वन्द्व

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संकल्प किया जाता है, जिसे करनेवाला संकल्पों से भिन्न और स्वतंत्र, संकल्प का स्वामी, कोई संकल्पकर्ता भी अवश्य होता है, या ऐसा मान लिया जाता है।

निश्चय किया नहीं जाता, बस होता भर है। वह, जिसे निश्चय का स्वामी या निश्चय करनेवाला कहा जा सके ऐसा कोई निश्चयकर्ता न तो कल्पना में और न ही वस्तुतः भी कहीं होता है। 

संकल्प करनेवाले जिस तथाकथित संकल्प-कर्ता की स्वीकृति, संकल्प से भिन्न और स्वतंत्र एक अस्तित्वमान सत्ता और समस्त संकल्पों के स्वामी की तरह से होती है, और प्रमादवश ही जिसे तत्क्षण ही अपने-आपकी तरह स्वीकार कर लिया जाता है, वह भी वस्तुतः और यद्यपि अनुमान से ही उत्पन्न हुआ, वैसा ही एक विचार होता है, जैसा कि संकल्प भी एक विचार ही होता है।

इस प्रकार संकल्प से भिन्न और स्वतंत्र प्रतीत होनेवाला कोई आभासी संकल्पकर्ता अस्तित्व में आता है, जिसका अस्तित्व एक तात्कालिक और क्षणिक घटना होता है ।

तात्पर्य यह, कि संकल्प और संकल्पकर्ता दोनों, विचार की ही गतिविधि होते हैं, किन्तु संकल्पकर्ता को अपने होने के विचार के रूप में सातत्य प्राप्त हो जाता है, जबकि संकल्प को सतत बदलते रहनेवाली वस्तु मानकर अस्थायी और तात्कालिक वस्तु समझ लिया जाता है। 

इस प्रकार से उत्पन्न मान्यताएँ विचार-मात्र हैं।

निश्चय स्वयं विचार न होकर, दृष्टि या दृष्टिकोण ही होता है, जो पुनः त्रुटिहीन या त्रुटियुक्त भी हो सकता है। 

फिर भी संकल्प करनेवाला कोई संकल्पकर्ता भी केवल विचार और उस विचार से सीमित होता है, और स्मृति तथा विस्मृति के सहारे कार्य करता है, निश्चय का कार्य उससे नितान्त भिन्न रीति से होता है। 

इसलिए संकल्प और संकल्पकर्ता, -- द्वन्द्व तथा संशय, आशा और निराशा, अतीत की स्मृति और भविष्य की कल्पना को जन्म देते हैं, जबकि निश्चय से सदैव एक नई दृष्टि प्राप्त की जा सकती है ।

संकल्प सदैव द्वन्द्व और संशय, अनिश्चय और दुविधा, आशा एवं निराशा को जन्म देता है । संकल्प सदा ही लोभ और भय का कारण होता है, जबकि निश्चय उचित कर्तव्य क्या है इस बारे में दृष्टि देता है। 

संकल्प करनेवाला कल्पित संकल्पकर्ता अपने आपको सदैव ही कर्ता, भोक्ता, स्वामी, ज्ञाता इन चार रूपों में सीमित कर लेता है, जबकि निश्चय केवल दृष्टि मात्र होने से त्रुटिपूर्ण या त्रुटिरहित भर होता है और इसलिए चिन्ता, लोभ, भय, द्वन्द्व, संशय, दुविधा और अन्तर्द्वन्द्व से मुक्त होता है।

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Terminology :

संकल्प - choice, 

निश्चय - vision, 

संकल्पकर्ता - the assumption : 'I'm the authority,

कर्ता - the assumption / thought : 'I do',

भोक्ता - the thought / assumption :

'I experience, enjoy, suffer',

स्वामी - the thought / assumption :

'I' possess, I have control over things. 

ज्ञाता - the idea :

I have the knowledge, information, or the memory.

ज्ञान - knowledge, information, memory,

दुविधा - conflict,

संशय - suspicion / doubt, 

द्वन्द्व - confusion, अन्तर्द्वन्द्व - indecision.

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