November 12, 2021

क्या कभी कुछ,

कविता / 12-11-2021

-------------©-------------

ख़त्म तो क्या कभी कुछ होना है, 

यही तो ज़िन्दगी का रोना है! 

सुबह उठना है, उम्मीदें लेकर, 

रात नाउम्मीद, रोज सोना है!

***



No comments:

Post a Comment