अर्थ-चिन्तन
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अर्थ-शास्त्र मुझे कभी समझ में नहीं आया, क्योंकि उसे समझने की आवश्यकता कभी अनुभव ही नहीं हुई। जब जेब में पैसे हों तो पैसे के बारे में सोचना ही क्यों! और, जब जेब खाली हो तो पैसे के बारे में सोचना ही क्यों! वैसे सच यह भी है कि लगभग हर किसी की जेब अकसर आधी भरी और आधी खाली भी होती है! इसे गिलास के आधे भरे होने जैसी सच्चाई जैसी दृष्टि से भी देखा जा सकता है! फिर संसार में ऐसे लोग बहुत कम होते होंगे जिन्हें संसार का सबसे बड़ा धनवान कहा जा सके। उनका भी स्थान हर रोज ऊपर नीचे होता रहता है।
किन्तु जब से क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में आई है, मुझमें इस बारे में थोड़ी उत्सुकता अवश्य उत्पन्न हुई है। पिछले किसी पोस्ट में मैंने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना 'रिलीजन' से की थी। मुझे लगता है कि जैसे 'रिलीजन' के किसी न किसी प्रकार पर यद्यपि हर किसी की आस्था होती है, किन्तु इस बारे में कोई सर्वमान्य राय नहीं बन पाती, कि कौन सा 'रिलीजन' धर्म है या धर्म नहीं है, ठीक वैसे ही, कौन सी क्रिप्टोकरेंसी का आगमन कहाँ से हुआ, और कौन सी कितनी विश्वसनीय या अविश्वसनीय है, इस बारे में भी शायद ही कोई सर्वमान्य सहमति होगी।
वर्तमान में जो मुद्रा अलग अलग देशों में वहाँ के संविधान के द्वारा तय और प्रचलित होती है वह भी अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार कम या अधिक शक्तिशाली होती रहती है और इसमें संदेह नहीं किया जा सकता कि दुनिया भर की आर्थिक शक्तियाँ उसे लगातार प्रभावित करने की कोशिश करती रहती हैं।
(जैसा कि आजकल पाकिस्तान या तुर्की की राष्ट्रीय मुद्रा का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य है।)
विभिन्न देश अपनी राष्ट्रीय मुद्रा को यू. एस. डॉलर से संबद्ध करते हैं, और इस बारे में भी हर राष्ट्र को सचेत होना चाहिए, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के आगमन / आविष्कार के बाद स्थिति और भी अनिश्चित व भयावह हो गई है।
फिर भी राष्ट्र अवश्य ही अपनी एक डिजिटल करेंसी परिभाषित और प्रचलित कर सकता है।
कैसे?
देश का केन्द्रीय बैंक (Central Bank), उसके पास विद्यमान वास्तविक स्वर्ण की जितनी संरक्षित मात्रा (Gold-Reserve) है, उसके आधार पर रुपये या राष्ट्रीय मुद्रा में उसका मूल्य तय कर तदनुसार डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है।
डिजिटल करेंसी जारी करनेवाली विभिन्न एजेंसियों के लिए यह आवश्यक होना चाहिए कि वे केन्द्रीय बैंक की सुरक्षा (कस्टडी) में रखी हुई उनकी स्वर्ण-प्रतिभूति (Gold-Reserve) के मूल्य के पैमाने पर ही उनकी क्रिप्टोकरेंसी बाजार में प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रकार इस क्रिप्टोकरेंसी को शेयर-मार्केट में अधिसूचित भी किया जा सकता है। उनमें परस्पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होना भी संभव है।
इस प्रकार बहुत से प्लेयर्स अर्थ-व्यवस्था के अन्तर्गत अपनी एक क्रिप्टोकरेंसी चुनकर पारदर्शी तरीके से अपनी बाजार-पूँजी को विकसित कर सकते हैं।
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