आदान-प्रदान
-एल्डेन नोव्लॆन
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जब तक तुम इस कविता को पढ़ते रहोगे,
मैं इसे लिखता रहूँगा ।
मैं इसे लिख रहा हूँ यहाँ और अभी,
तुम्हारी आँखों के सामने ही,
हालाँकि तुम मुझे देख नहीं सकते ।
शायद तुम इसे ख़ारिज़ कर दो,
यह कहकर कि यह शाब्दिक बाज़ीगरी है,
मज़ाक तो यह है, कि तुम गलत हो ।
असली मज़ाक तो यह है,
कि तुम नाटक कर रहे हो ।
और यह एक यथार्थ है,
सुनिश्चित और ठोस,
हम दोनों से परे का ।
मैं इसे तुमसे बेहतर कहूँ :
मैं लिखता ही रहूँगा,
इस कविता को तुम्हारे लिए,
मेरे मर जाने के बाद भी ।
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-एल्डेन नोव्लॆन
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जब तक तुम इस कविता को पढ़ते रहोगे,
मैं इसे लिखता रहूँगा ।
मैं इसे लिख रहा हूँ यहाँ और अभी,
तुम्हारी आँखों के सामने ही,
हालाँकि तुम मुझे देख नहीं सकते ।
शायद तुम इसे ख़ारिज़ कर दो,
यह कहकर कि यह शाब्दिक बाज़ीगरी है,
मज़ाक तो यह है, कि तुम गलत हो ।
असली मज़ाक तो यह है,
कि तुम नाटक कर रहे हो ।
और यह एक यथार्थ है,
सुनिश्चित और ठोस,
हम दोनों से परे का ।
मैं इसे तुमसे बेहतर कहूँ :
मैं लिखता ही रहूँगा,
इस कविता को तुम्हारे लिए,
मेरे मर जाने के बाद भी ।
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मूल कविता :
An Exchange of gifts:
(Alden Nowlan)
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As long as you read this poem,
I will be writing it.
I am writing it here and now
Before your eyes,
Although you can’t see me.
Perhaps you will dismiss this
As a verbal trick,
The joke is you’re wrong;
The real trick
Is your pretending
This is something
Fixed and solid
External to us both.
I tell you better:
I will keep on
Writing this poem for you
Even after I’m dead.
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