आजकल हर जगह ही पावरी हो रही है,
दुनिया हर जगह ही तो बावरी हो रही है।
कविताएँ खो गई हैं, सभी आजकल लेकिन
बहुत सी जगहों पर, तो शायरी हो रही है!
क्या पता पर है किसे, इसका क्या है मतलब,
या है कोई क्या इंतहा, पर, वाहवाही हो रही है!
इस सिरे से उस सिरे तक, हैं सभी ही परेशान,
हँस रहे हैं सब यहाँ, पर ज़िन्दगी तो रो रही है।
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