ब्लॉगर में ही एक नया ब्लॉग :
'विवेकचूडामणि'
लिखना आरंभ किया है । उसी पर सोचते हुए एक संस्कृत रचना बन पड़ी और उसे अपने 'स्वाध्याय' ब्लॉग में अभी ही पोस्ट किया। अभी उसका अनुवाद भी किया जाना है। शायद उसे यहाँ प्रस्तुत करूँगा।
आज की तारीख़ कैलेन्डर में देख रहा था तो ध्यान आया कि आज महाशिवरात्रि पर्व है। फिर ध्यान दिया तो पता चला आज प्रदोष की तिथि दोपहर ०२:४७ बजे तक है। तात्पर्य यह कि यह संस्कृत रचना अनायास, बिना किसी योजना के आज ही लिखी गई । अवश्य ही इसे एक पवित्र और शुभ योग-संयोग कहा जा सकता है ।
शिवमस्तु सर्वेषाम्।
पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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