August 09, 2017

ब - नुक्‍ता चीं -अनुक्त चिह्नकोश

- नुक्‍ता चीं -अनुक्त चिह्नकोश
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बख़ुद (स्वगत, स्वतः),
बख़ुद आना ( होश में आना),
बख़ुशी (ख़ुशी से),
बख़ूबी (अच्छी तरह से),
बख़ैर (सुरक्षित रूप से),
बग़ैर (के बिना),
बज़रिया (के माध्यम से),
बज़ोर (बलपूर्वक),
बतारीख़ (इस तिथि को),
बदिक़्क़त (कठिनाई से),
बराए-ख़ुदा, बराय-ख़ुदा (भगवान के लिए!),
बवक़्त (के समय में),
बक़ा (निरंतरता, अमरता, सनातन, शाश्वत), [बाक़ी, बक़ाय],
बक़्क़ाल (अनाज-व्यापारी),
बख़रा (पट्टी, पट्टीदार; कृषि-भूमि में),
बख़री (पट्टी),
बख़रैत,
बख़िया (सिलाई, टाँका लगाना), [उधेड़ना],
बख़ियाना (कपड़ा सिलाई या रफ़ू करना),
ब-ख़ैरियत,
बख़्त (हिस्सा, भाग्य, सौभाग्य),
बख़्तर (कवच) [बख़्तरबंद],
बख़्श (दान देना),
बख़्शना,
बख़्शिश, बख़्शीश,
बख़्शी (वेतन देनेवाला),
बग़ल (पार्श्व, पास, बाज़ू),
बग़लगीर-होना (गले मिलना),
बग़ावत (विद्रोह),
बग़िया / बगिया,
बग़ीचा (बाग़ीचा, उध्यान),
बग़ैर (के बिना),
बज़रिआ (ब-ज़रिया),
बज़ोर (ब-ज़ोर),
बज़्म (सभा, समूह, एक साथ होना),
बनफ़शा (violet),
बरक़रार (जारी, सतत),
बरख़ास्त (नौकरी से निकाल देना),
बरख़िलाफ़ (विपरीत, के विरुद्ध, से स्पर्धा में),
बरज़ोर (बलपूर्वक), [बरजोरी],
बरतरफ़ (हटाना, निकालना),
बरख़ुरदार (समृद्ध, भाग्यवान),
बरक़ (आकाशीय बिजली), बर्क़,
बर्फ़, बरफ़-ख़ाना (बर्फ़ रखने का डिब्बा),
बर्फ़बारी (हिमपात),
बर्फ़ानी (बर्फ़ीला),
बर्फ़ी (मावे की मिठाई),
बर्राक़ (तेजस्वी, शानदार, शुभ्र),
बलाग़त (ब-लाग़त, स्पष्टता),
बाक़ी (शेष, सतत, घटाने की क्रिया),
बाक़ी-साक़ी (बचा हुआ, अवशिष्ट),
बाग़,
सब्ज़बाग़ (दिखाना),
बाग़कारी (माली का काम),
बाग़दार, बाग़बान, बाग़-बाग़ होना,
बाग़ाती (बाग़ से संबद्ध),
बाग़ी (विद्रोही) [बग़ावत, बाग़ में खर-पतवार भी होते हैं],
बाग़ीचा,
बाज़ (श्येन),
बाज़ आना (रुकना, बंद करना), [संस्कृत बाध् बाधा, बाधित करना],
बाज़ (कतिपय) [बाज़ लोग],
बाज़ (जाँबाज़, हवाबाज़, खलाबाज़),
बाज़ार,
बाज़ारी,
बाज़ारू,
बाज़ी (खेल, शर्त), [संस्कृत वाजि, वाजिन् (घोड़ा)],
बाज़ू (भुजा, बाहु), [बाज़ूबंद, भुजबंध, बाहुबंध],
बाफ़ता (बुना हुआ कपड़ा),
बुक़चा (गठरी, गुच्छा), (अंग्रेज़ी ’bouquet', bucket, box),
बुग़्ज़ (द्वेष, मालिन्य),
बुज़दिल (कायर),
बुज़ुर्ग (बड़े-बूढ़े), [बुज़ुर्गवार, अंग्रेज़ी bourgeois , जर्मन् berg  / बुर्ज्  Heidelberg अरबी / फारसी
बुर्ज़ संस्कृत ’√वृ’ ’√वृध्’ ’√वर्त्’], [ख़ुर्द-बुज़ुर्ग, क्षुद्र ख़ुदरा],
बुर्क़ा, बुरक़ा,
बुर्राक़, बर्राक़,
बूज़ा (चाँवल, जौ या मक्का से बनी शराब),
बेअक़्ल,
बेइंसाफ़,
बेइख़्तियार (अनधिकृत),
बेइज़्ज़त,
बेइत्तफ़ाक़ (मतभेद),
बेक़द्र (महत्वहीन),
बेक़रार, बेक़सूर, बेक़ुसूर, बेक़ाबू, बेक़ायदा, बेक़ीमत,
बेख़बर, बेख़ुद, बेख़ुदी,
बेग़म, बेग़रज़, बेग़ैरत (निर्लज्ज),
बेज़बान, बेज़मीन, बेज़ार (अप्रसन्न),
बेतकल्लुफ़,
बेदख़ल,
बेनज़ीर (अनुपम, बेमिसाल), बेनियाज़ (आत्मनिर्भर),
बेपरहेज़,
बेफ़ायदा, बेफ़िकर,
बेबाक़,
बेमज़ा, बेमौक़ा,
बेरुख़ी, बेरोज़गार, बेरौनक़,
बेलिहाज़,
बेवक़ूफ़, बेवक़्त, बेवफ़ा,
बेसाख़्ता (निस्संकोच, त्वरित),
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