April 19, 2023

आखिर यह क्या है!

कविता 19-04-2023

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कुछ भी! 

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यह जो घर है मेरा, 

जो मुझमें रहता है,

यह वह, जो मैं हूँ,

जो इसमें रहता है,

कौन कहा करता है,

किसे कहा करता है!

कहाँ कहा करता है,

कहाँ सुना करता है! 

सूना सूना सा यह घर, 

जिसमें मैं रहता हूँ, 

सूना सूना सा यह मैं, 

जिसमें घर रहता है,

सूनापन ही तो है, 

सुना सुना करता है!

तन मन दोनों खिन्न,

भिन्न भिन्न विभिन्न,

शून्य एक असीम,

अन्तहीन निःसीम,

सुन्न सुन्न तन मन में,

गिरह हमारा सुन्न में!

शून्य कहा करता है, 

शून्य सुना करता है,

यदा हि पश्यन्त्येते,

तत्त्वविदः विमर्शिनः। 

शुनि चैव श्वपाके च,

पण्डिताः समदर्शिनः।

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