December 04, 2021

बहुत दूर है दिल्ली!

कविता / 04/12/2021

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बहुत दूर है दिल्ली, बहुत दूर अभी!  

अभी तो घर से निकलना भी है, बहुत मुश्किल!

रास्ते हैं, सभी खतरनाक बहुत! 

फिर भी हिम्मत है, बहुत से लोगों में!

वो क्या चीज़ है, जो पैदा करती है, 

दिल में इरादा, हिम्मत, और जज्बा भी! 

अभी तो वो भी पा सकना भी है मुश्किल!

अभी तो दूर है दिल्ली, बहुत दूर अभी! 

दिल से दिल्ली का, दिल्लगी का भी कोई, 

क्या है सरोकार, क्या है रिश्ता?

फिर भी दिल के बहलाने को, 

ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है कि! 

किसी दिन फ़तह करना, है दिल्ली!

वैसे भी, घर पे बैठे बैठे क्या करें!

चलो वर्चुअल मोड में ही खेलें, - दिल्ली-दिल्ली!

फिर कभी मिला मौक़ा, तो काम आएगा,

ये तज़ुर्बा अपना, खेलने का अभी! 

अभी तो दूर है, बहुत दूर है, अभी दिल्ली!

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