कविता / 03/12/2021
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नज़रें
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बेलती है, -रोटी,
काटती है, -आलू,
धोती है, -कपड़े,
ताड़ती है, -नज़रें,
बोलती, -कुछ नहीं,
हाँ, -उसके कान,
सुनते हैं, -सब कुछ!
हाँ, -उसकी आँखें,
बोलती हैं, -बहुत कुछ!
कहती हैं, -सब कुछ!
समझती हैं, -सब कुछ!
रहती है, -वह ख़ामोश,
बिना बोले, -चुप-चुप!
वह उदास लड़की!
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मुझे ऐसा याद आता है कि ऐसी किसी लड़की के बारे में इससे मिलती-जुलती कुछ कविताएँ मैं पहले भी लिख और पोस्ट कर चुका हूँ।)
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