June 08, 2024

नए तेवर / कलेवर में,

 एक पुरानी कविता 

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ऐसा भी कोई होता है।!?

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जिसका कहीं घर नहीं होता, 

उसको कोई डर नहीं होता। 

उसकी कोई मंजिल नहीं होती,

उसका कोई सफ़र नहीं होता।

वो बीमार तो नहीं होता, 

तन्दुरुस्त भी नहीं होता। 

उसके मर्ज की दवा नहीं होती,

दुआ का भी असर नहीं होता।

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