June 22, 2024

साँसों को नींद आए तो,

कविता / 22062024

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हो गए हो अगर बड़े,

तो बड़े रहो! 

एकाग्र दृष्टि लक्ष्य पर,

हो तो जड़े रहो!

संकल्प दृढ़ हो अगर,

तो बस अड़े रहो! 

वृक्ष जैसे धरती पर,

हो तो खड़े रहो!

साँसों को नींद आए तो,

बस पड़े रहो!!

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