June 29, 2019

धर्म, राष्ट्र और मानसिकता

ज़रूरत !
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धर्म एक घर है !
राष्ट्र एक मानसिकता है ।
या तो हम अपना धर्म इस प्रकार बदल लें कि सबका राष्ट्र एक हो,
या, हम अपनी राष्ट्रीयता इस प्रकार बदल लें कि सबका धर्म एक हो ।
किन्तु और बड़ी कठिनाई यह है कि हममें से कुछ न तो राष्ट्रीयता बदलने के लिए राज़ी हैं, न धर्म बदलने के लिए ।
और बाक़ी लोग राष्ट्रीयता और धर्म में से केवल एक को ही बदलना चाहते हैं ।
और विडम्बना यह कि राष्ट्रीयता को माननवालों में से कुछ 'कुल दो राष्ट्रों' को मानते हैं जिसके लिए उनके अनुसार उनका धर्म ही उन्हें प्रेरित करता है ! 
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श्री राजीव दीक्षित, समस्या, समाधान, निराकरण,  दो राष्ट्रों का आग्रह   

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