June 16, 2019

अजनबी हर दिल अज़ीज़

आज की कविता 
दौरे-मोबाइल
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हर मरीज़ अब चाराग़र हो गया है,
लगाकर 'आला' सुनता है कानों से,
दिल की धड़कनें, दूसरे मरीज़ों की,
हर हकीम अब मरीज़ हो गया है !
जाँचता है सपने, बाँटता है तसव्वुर,
ख़याल, तस्वीरें, ग़म, मुस्कुराहटें, 
देखता है पर्दे पे चेहरे, मरीज़ों के,
सुना करता है शिकवे, शिकायतें, ग़िला,
अजनबी हर दिल अज़ीज़ अब हो गया है !
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देवास, 16 / 06 / 2019  

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