June 20, 2019

Walk, Walk, walk ...& Talk, Talk, Talk

चरैवेति-चरैवेति 
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श्री राजीव दीक्षित जी का विडिओ।
अभी लीची को जिसका संभावित कारण बतलाया जा रहा है,
बिहार में फैले उस
चमकी बुख़ार (acute encephalitis syndrome) 
के इलाज़ के लिए शायद यह काम आ सके।
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तुलसी, Ocimum-Basilicum (?),
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तरीका:
श्याम तुलसी का काढ़ा बनाएँ।
उसमें थोड़ी नीम-चढ़ी गिलोय डाल दें।
थोड़ी सोंठ भी मिला दें।
और थोड़ी छोटी पीपर / पिप्पल भी।
यह काढ़ा बहुत कडुआ होता है, इसलिए इसमें थोड़ा सा गुड़ भी मिला दीजिए।
एलोपैथिक इलाज़ के जो खतरे हैं, उनका वर्णन श्री राजीव भाई ने विस्तार से किया ही है।
यह पोस्ट सिर्फ जानकारी के लिए है, प्रचार या विज्ञापन के लिए नहीं।
कोई भी प्रयोग करने से पहले पूरी सावधानी से अपनी जिम्मेदारी पर ही करें।
विडिओ में कहा गया है कि उपरोक्त ओषधि किसी भी प्रकार के ज्वर के उपचार के लिए लाभप्रद है।
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होम्योपैथी में Ocimum x 200 भी यही कार्य कर सकता है किन्तु उसमें सिर्फ तुलसी होती है।   
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