July 07, 2017

जर्जर : एक छोटी कविता

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जुलाई ७, २०११ को लिखी,
मेरी एक छोटी कविता
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रूढ़ियाँ
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परंपराएँ,
चढ़ती-उतरती हैं,
-सीढ़ियाँ,

होते हुए जर्जर मगर,

परंपराएँ,
चढ़ती-उतरती हैं,
पीढ़ियाँ !
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