July 14, 2017

प्रेम और समय -इटैलियन कविता

प्रेम और समय -इटैलियन कविता
लुइगी पिरन्देलो (इटैलियन नाटककार)
हिन्दी रूपान्तर
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प्रेम ने समय पर एक दृष्टि डाली और हँस पड़ा,
क्योंकि उसे पता था कि उसे उसकी ज़रूरत नहीं ।
प्रेम ने दिन भर के लिए मृत होने का नाटक किया,
और शाम होते-होते पुनः खिल (जी) उठने का ।
(विधाता के) विधान को न मानते हुए। .. ,
अपने हृदय के एक कोने में सोने लगा ।
उस समय तक, जिसका अस्तित्व ही नहीं था ।
और फिर भ्रमित न होते हुए, चल पड़ा ।
कहीं न जाते हुए भी वह लौट आया ।
समय मर चुका था, और वह (प्रेम) अक्षुण्ण रहा ।
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इटैलियन कविता (मूल रूप में)
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E l’amore guardò il tempo e rise,
perchè sapeva di non averne bisogno.
Finse di morire per un giorno,
e di rifiorire alla sera,
senza leggi da rispettare.
Si addormentò in un angolo di cuore
per un tempo che non esisteva.
Fuggì senza allontanarsi,
ritornò senza essere partito,
il tempo moriva e lui restava.
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- L. Pirandello
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1 comment:

  1. prem sahejne ki manv man ko prerna de rahi q ?ye samjhate hue kitna samy ho chka lagbag manv utppti ke samy se ..per sahyad verle samjh paaye (y)

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