Forever!
हर वक़्त की जरूरत!
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आजकल मौसम है बहुत खुशनुमा,
हालातो-मजहब नहीं, यूँ खूबसूरत!
हो सके अगर तो कोशिश कर देखिए!
सिर्फ बस खुद तक ही रहें महदूद,
हाँ बहुत बड़ा देश है और दुनिया भी,
जितना भी सोचो, उतना ही कम है,
हर घड़ी बहुत सी नई नई फिक्रें हैं,
हर घड़ी नए रंजो-ग़मो-मातम हैं,
फिर भी कुदरत के नायाब तोहफ़े भी हैं,
क्या वो दिल के सुकूँ के लिए कम हैं!
आजकल मौसम है खुशनुमा लेकिन,
हालातो मंजर नहीं हैं यूँ खूबसूरत!
मजहबे हिज्ब है वह मजहबे मंजर
कि जैसे कलेजे में घुसा हुआ खंजर,
हो सके अगर तो कोशिश कर देखिए
कलेजे से ये खंजर निकाल फेंकिए!
आजकल मौसम है बदनुमा लेकिन,
हालातो-मंजर हैं बहुत बदसूरत!
हो सके तो खुद को बदल कर देखिए!
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