May 19, 2025

Someone There!

कोई कोई!

कविता / Poetry 

نظم

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कोई तिनका, कोई चारा,

कोई मछली, मछुआरा कोई,

कोई नदिया, कोई तट पर,

बैठा हुआ, देखे धारा!

कोई खेता नाव, कोई,

उस पार उतरनेवाला,

कोई अनाड़ी डूब जाता,

मझधार में बहनेवाला!

कोई भँवर, कोई लहर, 

कोई पानी, कोई नहर,

कोई नदिया, कोई तट पर,

बैठा हुआ देखे धारा!

शाम कोई, सुबह कोई, 

धूप कोई,  छाँव कोई, 

खेत या खलिहान कोई, 

बंजर कोई, मैदान कोई, 

कोई बेईमान, ईमान कोई, 

कोई दानिश, नादान कोई! 

कोई सुखी, आराम कोई, 

बेचैन कोई, चैन कोई!

रंग कोई, रिवाज कोई, 

कोई मौन आवाज कोई!

साज कोई अंदाज कोई,

कोई अंधेरा, रौशनी कोई!

इंतिहा कोई, आगाज कोई!

***

آغاز

انتہا,

دانش

نظم

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