May 01, 2025

GUIDE!

आज की बात!

गाईड, रहीम और ग़ालिब 

भोपाल के किसी मित्र ने व्हॉट्स ऐप पर हिन्दी फिल्म "गाईड" के -

"वहाँ कौन है तेरा, मुसाफिर जाएगा कहाँ ..."

इस गीत का वीडियो शेयर किया  -

और जैसा अकसर होता है, जब उसने 

"कहते हैं ज्ञानी,

दुनिया है फ़ानी,

पानी पे लिक्खी है,

कुछ तेरा न मेरा,"

इस टुकड़े में "फ़ानी" को "पानी" समझ लिया, तो 

मुझसे रहा नहीं गया, और मैंने उसका ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि "फ़ानी" का मतलब होता है "फ़ना" होनेवाला अर्थात् नश्वर या नाशवान - perishable.

Consumer goods are perishable items that can't be kept pure for much long, and are useful for a short time only.

फिर ग़ालिब के कुछ शे'र प्रमाण के लिए प्रस्तुत किए -

इशरते-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना,

दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।

बस कि मुश्किल है हर काम का आसां होना, 

आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना।

की मेरे क़त्ल के बाद जफ़ा से तौबा। 

हाय उस ज़ूद पशेमाँ का पशेमाँ होना! 

इशरत  मतलब मुक्ति,

क़तरा मतलब टुकड़ा / बून्द,

दरिया मतलब समुद्र,

फ़ना मतलब विलीन,

आसां मतलब आसान, 

इंसा  मतलब इंसान,

आदमी मतलब मनुष्य, 

मयस्सर मतलब उपलब्ध,

जफ़ा मतलब क्रुद्ध या क्रोध, 

ज़ूद का मतलब - ज्यादा - extreme,

पशेमाँ का मतलब लज्जित, शर्मिन्दा होना, 

फिर उसने पाकिस्तान के वर्तमान हालात के बारे में एक मीम / शॉर्ट वीडियो पेश किया जिसमें यू एस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प "water, water" कहते हुए पानी की बॉटल उठाकर पानी पी रहे होते हैं और खाली बॉटल को उछाल कर दूर फेंक देते हैं।

फिर मुझे रहीम का यह दोहा याद आया :

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। 

पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून।।

यहाँ पर पानी का मतलब आँखों की शर्म, शर्मो-हया, लज्जा, मोती की चमक, और पान के साथ खाया जाने वाला चूना हो सकता है, जिसमें पानी सूख जाने पर वह किसी काम का नहीं रह जाता। 

उसने कहा :

क्या 'चून' शब्द का एक अर्थ "आटा" नहीं होता?

मैंने कहा -

'चून' शब्द संस्कृत के 'चूर्ण' शब्द का अपभ्रंश है, और पर्याय से,  imperatively  आटा या चूना दोनों अर्थों में प्रयुक्त होने लगा। फिर यह संस्कृत के ही 'च्यवन' शब्द का भी अपभ्रंश हो सकता है। जैसे बरसात में छत से पानी टपकना या चूना।

फिर मैंने कहा -

अजीब बात है कि आप भोपाल के हो और मैं भोपाल से बाहर का, फिर भी आपको उर्दू पढ़ा रहा हूँ!

वे बोले -

भई, पाकिस्तान की आँखों का पानी तो उसी दिन मर चुका था जिस दिन कुछ मुसलमानों ने मुसलमानों को हिन्दुओं से अलग क़ौम घोषित कर कह दिया था कि ये दोनों क़ौमें साथ साथ नहीं रह सकती हैं, और इसलिए इस आधार पर अपने लिए भारत को विभाजित करने की और अपने लिए अलग मुल्क की माँग कर दी थी।

अब भारत ने पाकिस्तान का पानी क्या रोक दिया तो उपद्रव कर रहा है। एक दिन अवश्य ही पाकिस्तान के टुकड़े टुकड़े होंगे और सब टुकड़ों की मुक्ति / इशरत हिन्दुस्तान रूपी दरिया में फ़ना होने से ही होगी।

अखंड भारत हिन्दू राष्ट्र ही इस समस्या का एकमात्र और स्वाभाविक विकल्प है।

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