आज की 2 कविताएँ
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©
1. बाढ़
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घर में पानी, पानी में घर,
और हुआ देखो मैं बेघर!
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2.
अन्योन्याश्रित
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घट में पानी, पानी में घट,
दुनिया, गोरी! गागर पनघट!
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1. बाढ़
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घर में पानी, पानी में घर,
और हुआ देखो मैं बेघर!
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2.
अन्योन्याश्रित
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घट में पानी, पानी में घट,
दुनिया, गोरी! गागर पनघट!
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