July 01, 2015

आज की कविता / 'मोदी' होने का मतलब

आज की कविता / 'मोदी' होने का मतलब 
--
© मोदी मोदी सब भये मोदी भया न कोय,
एक बार मोदी भये हर कोई मोदी होय!
(यमक या श्लेष?)
© मोदकं दृष्ट्वा लुब्धो गणेशोऽपि भवेत् मोदी ।
मोदते मोदयति भक्तान् भक्तेन्द्रो गणेशो सः ॥
--
© modakaṃ dṛṣṭvā lubdho gaṇeśo:'pi bhavet modī |
modate modayati bhaktān bhaktendro gaṇeśo saḥ ||
--

© मोदी चेत् सर्वे अभवन् न कोऽपि अभवत् मोदी ।
एकदापि भूत्वा मोदी एकैको मोदी भवेत् ॥
--
modī cet sarve abhavan na ko:'pi abhavat modī |
ekadāpi bhūtvā modī ekaiko modī bhavet ||
--

No comments:

Post a Comment