July 07, 2015

अ‍ेक सवाल !

अ‍ेक सवाल !
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वक़्त की धीमी गति की ट्रेन के रुक जाने पर हर बार मैं ट्रेन में बैठे रहने से ऊबकर बाहर उतर आता हूँ, और ट्रेन के चल पड़ने पर दौड़कर डिब्बे में चढ़ जाता हूँ । जहाँ से ट्रेन में जिस डिब्बे में बैठा था, हर बार उतरते-उतरते बहुत पीछे पहुँच गया हूँ, शायद आखिरी या उसके पहले के दूसरे या तीसरे डिब्बे में । अब सोचता हूँ कि क्या अगली बार अपने डिब्बे से उतरने का रिस्क लिया जाए? और उस पर तुर्रा यह कि मुझे नहीं पता कि ट्रेन का गन्तव्य कहाँ है, जहाँ वक़्त का सफ़र ख़त्म हो जाएगा ! क्या मैं किसी दिन वक़्त से परे कहीं पहुँच जाऊँगा? इसका क्या मतलब हुआ आख़िर????
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