आज की कविता
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हवा में ठहरा हुआ पँख
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हवा में ठहरा हुआ पंख,
हवा है,
हवा के साथ डोलता हुआ,
पानी है,
बून्दों में भींगता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
धरती है,
धरती की ओर गिरता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
अग्निशिखा है,
धूप में चमकता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख आकाश है,
आकाश में खेलता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
सब-कुछ है,
सबसे बँधा हुआ,
संसक्त, असक्त, अनासक्त,
विरक्त, अनुरक्त,
उन्मुक्त, मुक्त, विमुक्त,
सबसे निर्लिप्त,
निरीह!
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हवा में ठहरा हुआ पँख
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हवा में ठहरा हुआ पंख,
हवा है,
हवा के साथ डोलता हुआ,
पानी है,
बून्दों में भींगता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
धरती है,
धरती की ओर गिरता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
अग्निशिखा है,
धूप में चमकता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख आकाश है,
आकाश में खेलता हुआ,
हवा में ठहरा हुआ पंख,
सब-कुछ है,
सबसे बँधा हुआ,
संसक्त, असक्त, अनासक्त,
विरक्त, अनुरक्त,
उन्मुक्त, मुक्त, विमुक्त,
सबसे निर्लिप्त,
निरीह!
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