October 26, 2014

बस एक ख़याल !... ,

आज की कविता / 25/10/2014
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बस एक ख़याल !... ,
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कल भी इस वक़्त,
ठीक यही समय था,
कल फिर होगा,
इस वक़्त,
ठीक यही समय,
हर दिन होता है !
इसमें कौन सी नई बात है?
पर फ़िर भी हैरत की बात तो है ही ! ...
शुभ रात्रि !
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