October 19, 2014

आज की कविता / संशय


आज की कविता / संशय
__________________©

प्रमाण,
प्रमाणित होने से,
सत्य तो नहीं हो जाते,
प्रमाण,
सत्यापित होने से ,
सत्यार्पित तो नहीं हो जाते,
संशय खड़ा ही रहता है,
अर्जुन की तरह,
गाण्डीव को छोड़कर,
निढाल !
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